Love Poetry of Ahmad Sagheer Siddiqui
नाम | अहमद सग़ीर सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Sagheer Siddiqui |
थे यहाँ सारे अमल रद्द-ए-अमल के मुहताज
जी-भर के सितारे जगमगाएँ
इश्क़ इक मशग़ला-ए-जाँ भी तो हो सकता है
इस इश्क़ में न पूछो हाल-ए-दिल-ए-दरीदा
चाहे हैं तमाशा मिरे अंदर कई मौसम
हैं शाख़ शाख़ परेशाँ तमाम घर मेरे
इक ख़्वाब है ये प्यास भी दरिया भी ख़्वाब है
इक जिस्म हैं कि सर से जुदा होने वाले हैं
और सी धूप घटा और सी रक्खी हुई है
आसमाँ-ज़ाद ज़मीनों पे कहीं नाचते हैं