Hope Poetry of Ahmad Sagheer Siddiqui
नाम | अहमद सग़ीर सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Sagheer Siddiqui |
इश्क़ इक मशग़ला-ए-जाँ भी तो हो सकता है
चराग़ उन पे जले थे बहुत हवा के ख़िलाफ़
हैं शाख़ शाख़ परेशाँ तमाम घर मेरे
इक ख़्वाब है ये प्यास भी दरिया भी ख़्वाब है
और सी धूप घटा और सी रक्खी हुई है