अहमद रिज़वान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अहमद रिज़वान
नाम | अहमद रिज़वान |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Rizwan |
जन्म की तारीख | 1978 |
जन्म स्थान | Multan |
ये कौन बोलता है मिरे दिल के अंदरूँ
उड़ती है ख़ाक दिल के दरीचों के आस-पास
मुझे ये क्या पड़ी है कौन मेरा हम-सफ़र होगा
क्या बात करूँ जो बातें तुम से करनी थीं
होता न कोई कार-ए-ज़माना मिरे सुपुर्द
एक मुद्दत से उसे देख रहा हूँ 'अहमद'
अजनबी लोग हैं मैं जिन में घिरा रहता हूँ
शब ढले गुम्बद-ए-असरार में आ जाता है
मैं ख़ाक हो रहा हूँ यहाँ ख़ाक-दान में
किसी को छोड़ देता हूँ किसी के साथ चलता हूँ
ख़ाक देखी है शफ़क़-ज़ार फ़लक देखा है
बात करने का नहीं सामने आने का नहीं
आता ही नहीं होने का यक़ीं क्या बात करूँ
आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता