दिल के सुनसान जज़ीरों की ख़बर लाएगा
दर्द पहलू से जुदा हो के कहाँ जाएगा
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Gulzar
Jaun Eliya
Anwar Masood
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
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वक़्त की बात
कब तक बोझल पलकों से अश्कों के सितारे टूटेंगे
अब न काबा की तमन्ना न किसी बुत की हवस
सरगोशी
ये दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल कहाँ कही जाए
नज़्म
सराब
हर एक बात के यूँ तो दिए जवाब उस ने
लब-ए-गोया
ग़म-ए-हयात में कोई कमी नहीं आई
मैं दिल-ज़दा हूँ अगर दिल-फ़िगार वो भी हैं
क़याम-ए-दैर-ओ-तवाफ़-ए-हरम नहीं करते