लम्हा लम्हा शुमार कौन करे
लम्हा लम्हा शुमार कौन करे
उम्र भर इंतिज़ार कौन करे
कोई व'अदा भी तो वफ़ा न हुआ
बे-वफ़ाओं से प्यार कौन करे
शब-ए-तीरा-ओ-तार का दामन
देखिए तार तार कौन करे
दोस्ती एक लफ़्ज़-ए-बे-मअ'नी
किस पे अब इंहिसार कौन करे
ऐ ग़म-ए-दोस्त तेरे होते हुए
ग़म-ए-लैल-ओ-नहार कौन करे
तेरे इस दर्द-ए-ला-दवा का इलाज
दिल-ए-ज़ार-ओ-नज़ार कौन करे
सिलसिला टूटना था टूट गया
अब उसे उस्तुवार कौन करे
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