कोई बतलाए कि क्या हैं यारो

कोई बतलाए कि क्या हैं यारो

हम बगूले कि हवा हैं यारो

तंग है वुसअ'त-ए-सहरा-ए-जुनूँ

वलवले दिल के सिवा हैं यारो

सर्द-ओ-बेरंग है ज़र्रा ज़र्रा

गर्मी-ए-रंग-ए-सदा हैं यारो

शबनमिस्तान-ए-गुल-ए-नग़्मा में

निकहत-ए-सुब्ह-ए-वफ़ा हैं यारो

जलने वालों के जिगर हैं दिल हैं

खिलने वालों की अदा हैं यारो

जिन के क़दमों से हैं गुलज़ार ये दश्त

हम वही आबला-पा हैं यारो

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