दिल के सुनसान जज़ीरों की ख़बर लाएगा

दिल के सुनसान जज़ीरों की ख़बर लाएगा

दर्द पहलू से जुदा हो के कहाँ जाएगा

कौन होता है किसी का शब-ए-तन्हाई में

ग़म-ए-फ़ुर्क़त ही ग़म-ए-इश्क़ को बहलाएगा

चाँद के पहलू में दम साध के रोती है किरन

आज तारों का फ़ुसूँ ख़ाक नज़र आएगा

राग में आग दबी है ग़म-ए-महरूमी की

राख होकर भी ये शोला हमें सुलगाएगा

वक़्त ख़ामोश है रूठे हुए यारों की तरह

कौन लौ देते हुए ज़ख़्मों को सहलाएगा

ज़िंदगी चल कि ज़रा मौत के दम-ख़म देखें

वर्ना ये जज़्बा लहद तक हमें ले जाएगा

(1153) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Ke Sunsan Jaziron Ki KHabar Laega In Hindi By Famous Poet Ahmad Rahi. Dil Ke Sunsan Jaziron Ki KHabar Laega is written by Ahmad Rahi. Complete Poem Dil Ke Sunsan Jaziron Ki KHabar Laega in Hindi by Ahmad Rahi. Download free Dil Ke Sunsan Jaziron Ki KHabar Laega Poem for Youth in PDF. Dil Ke Sunsan Jaziron Ki KHabar Laega is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Ke Sunsan Jaziron Ki KHabar Laega with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.