आम है कूचा-ओ-बाज़ार में सरकार की बात

आम है कूचा-ओ-बाज़ार में सरकार की बात

अब सर-ए-राह भी होती है सर-ए-दार की बात

हम जो करते हैं कहीं मिस्र के बाज़ार की बात

लोग पा लेते हैं यूसुफ़ के ख़रीदार की बात

मुद्दतों लब पे रही नर्गिस-ए-बीमार की बात

कीजिए अहल-ए-चमन अब ख़लिश-ए-ख़ार की बात

ग़ुंचे दिल-तंग हवा बंद नशेमन वीराँ

बाइस-ए-मर्ग है मेरे लिए ग़म-ख़्वार की बात

बू-ए-गुल ले के सबा कुंज-ए-क़फ़स तक पहुँची

लाख पर्दों में भी फैली शब-ए-गुलज़ार की बात

ज़िंदगी दर्द में डूबी हुई लय है 'राही'

ऐसे आलम में किसे याद रहे प्यार की बात

(815) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aam Hai Kucha-o-bazar Mein Sarkar Ki Baat In Hindi By Famous Poet Ahmad Rahi. Aam Hai Kucha-o-bazar Mein Sarkar Ki Baat is written by Ahmad Rahi. Complete Poem Aam Hai Kucha-o-bazar Mein Sarkar Ki Baat in Hindi by Ahmad Rahi. Download free Aam Hai Kucha-o-bazar Mein Sarkar Ki Baat Poem for Youth in PDF. Aam Hai Kucha-o-bazar Mein Sarkar Ki Baat is a Poem on Inspiration for young students. Share Aam Hai Kucha-o-bazar Mein Sarkar Ki Baat with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.