वक़्फ़ा
रास्ता नहीं मिलता
मुंजमिद अँधेरा है
फिर भी बा-वक़ार इंसाँ
इस यक़ीं पे ज़िंदा है
बर्फ़ के पिघलने में
पौ फटे का वक़्फ़ा है
उस के बा'द सूरज को
कौन रोक सकता है
(907) Peoples Rate This
रास्ता नहीं मिलता
मुंजमिद अँधेरा है
फिर भी बा-वक़ार इंसाँ
इस यक़ीं पे ज़िंदा है
बर्फ़ के पिघलने में
पौ फटे का वक़्फ़ा है
उस के बा'द सूरज को
कौन रोक सकता है
(907) Peoples Rate This