Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f7seggjv34laf6o9t2np9j5m26, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मरूँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊँ - अहमद नदीम क़ासमी कविता - Darsaal

मरूँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊँ

मरूँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊँ

'नदीम' काश यही एक काम कर जाऊँ

ये दश्त-ए-तर्क-ए-मोहब्बत ये तेरे क़ुर्ब की प्यास

जो इज़्न हो तो तिरी याद से गुज़र जाऊँ

मिरा वजूद मिरी रूह को पुकारता है

तिरी तरफ़ भी चलूँ तो ठहर ठहर जाऊँ

तिरे जमाल का परतव है सब हसीनों पर

कहाँ कहाँ तुझे ढूँडूँ किधर किधर जाऊँ

मैं ज़िंदा था कि तिरा इंतिज़ार ख़त्म न हो

जो तू मिला है तो अब सोचता हूँ मर जाऊँ

तिरे सिवा कोई शाइस्ता-वफ़ा भी तो हो

मैं तेरे दर से जो उठूँ तो किस के घर जाऊँ

ये सोचता हूँ कि मैं बुत-परस्त क्यूँ न हुआ

तुझे क़रीब जो पाऊँ तो ख़ुद से डर जाऊँ

किसी चमन में बस इस ख़ौफ़ से गुज़र न हुआ

किसी कली पे न भूले से पाँव धर जाऊँ

ये जी में आती है तख़्लीक़-ए-फ़न के लम्हों में

कि ख़ून बन के रग-ए-संग में उतर जाऊँ

(1025) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Marun To Main Kisi Chehre Mein Rang Bhar Jaun In Hindi By Famous Poet Ahmad Nadeem Qasmi. Marun To Main Kisi Chehre Mein Rang Bhar Jaun is written by Ahmad Nadeem Qasmi. Complete Poem Marun To Main Kisi Chehre Mein Rang Bhar Jaun in Hindi by Ahmad Nadeem Qasmi. Download free Marun To Main Kisi Chehre Mein Rang Bhar Jaun Poem for Youth in PDF. Marun To Main Kisi Chehre Mein Rang Bhar Jaun is a Poem on Inspiration for young students. Share Marun To Main Kisi Chehre Mein Rang Bhar Jaun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.