Baarish Poetry of Ahmad Mushtaq
नाम | अहमद मुश्ताक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Mushtaq |
जन्म की तारीख | 1933 |
जन्म स्थान | Lahore |
मैं बहुत ख़ुश था कड़ी धूप के सन्नाटे में
गुज़रे हज़ार बादल पलकों के साए साए
पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है
नाला-ए-ख़ूनीं से रौशन दर्द की रातें करो
किस शय पे यहाँ वक़्त का साया नहीं होता
इक फूल मेरे पास था इक शम्अ' मेरे साथ थी
चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया
चाँद भी निकला सितारे भी बराबर निकले