भागने का कोई रस्ता नहीं रहने देते
भागने का कोई रस्ता नहीं रहने देते
कोई दर कोई दरीचा नहीं रहने देते
आसमाँ पर से मिटा देते हैं तारों का सुराग़
रेत पर नक़्श-ए-कफ़-ए-पा नहीं रहने देते
कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं होने पाती
धूप देते हैं तो साया नहीं रहने देते
पहले भर देते हैं सामान-ए-दो-आलम दिल में
फिर किसी शय की तमन्ना नहीं रहने देते
शहर-ए-कोराँ में भी आईना फ़रोश आते हैं
बे-तजल्ली कोई क़र्या नहीं रहने देते
तूर-ए-सीना हो कि आतिश-कदा-ए-सोज़-ए-निहाँ
राख रह जाती है शोअ'ला नहीं रहने देते
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