Friendship Poetry of Ahmad Mushtaq
नाम | अहमद मुश्ताक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Mushtaq |
जन्म की तारीख | 1933 |
जन्म स्थान | Lahore |
यार सब जम्अ हुए रात की ख़ामोशी में
टूट गया हवा का ज़ोर सैल-ए-बला उतर गया
सफ़र नया था न कोई नया मुसाफ़िर था
ख़ून-ए-दिल से किश्त-ए-ग़म को सींचता रहता हूँ मैं
चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया
चमक-दमक पे न जाओ खरी नहीं कोई शय
अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए
अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए