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Ahmad Mahfuz Heart Broken In Hindi - Best Heart Broken Of Ahmad Mahfuz Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Heart Broken Poetry of Ahmad Mahfuz

Heart Broken Poetry of Ahmad Mahfuz
नामअहमद महफ़ूज़
अंग्रेज़ी नामAhmad Mahfuz
जन्म की तारीख1966
जन्म स्थानDelhi

अपना सोचा हुआ अगर हो जाए

ज़ख़्मों को अश्क-ए-ख़ूँ से सैराब कर रहा हूँ

ये जो धुआँ धुआँ सा है दश्त-ए-गुमाँ के आस-पास

हम को आवारगी किस दश्त में लाई है कि अब

ज़ख़्म खाना ही जब मुक़द्दर हो

यूँ ही कब तक ऊपर ऊपर देखा जाए

ये जो धुआँ धुआँ सा है दश्त-ए-गुमाँ के आस-पास

वो इक सवाल-ए-सितारा कि आसमान में था

उठिए कि फिर ये मौक़ा हाथों से जा रहेगा

उठ जा कि अब ये मौक़ा हाथों से जा रहेगा

उस से रिश्ता है अभी तक मेरा

सवाद-ए-शाम न रंग-ए-सहर को देखते हैं

सर-ब-सर पैकर-ए-इज़हार में लाता है मुझे

रक़्स-ए-शरर क्या अब के वहशत-नाक हुआ

फेंकते संग-ए-सदा दरिया-ए-वीरानी में हम

नहीं आसमाँ तिरी चाल में नहीं आऊँगा

मैं बंद आँखों से कब तलक ये ग़ुबार देखूँ

लोग कहते थे वो मौसम ही नहीं आने का

किसी से क्या कहें सुनें अगर ग़ुबार हो गए

किसी का अक्स-ए-बदन था न वो शरारा था

छोड़ो अब उस चराग़ का चर्चा बहुत हुआ

बदन-सराब न दरिया-ए-जाँ से मिलता है

अंधेरा सा क्या था उबलता हुआ

अब इस मकाँ में नया कोई दर नहीं करना

आया ही नहीं कोई बोझ अपना उठाने को

अहमद महफ़ूज़ Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अहमद महफ़ूज़. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अहमद महफ़ूज़. Share the अहमद महफ़ूज़ Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.