Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_db734fe600d2a1ce727765796a25c663, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
आँसू की तरह दीदा-ए-पुर-आब में रहना - अहमद जावेद कविता - Darsaal

आँसू की तरह दीदा-ए-पुर-आब में रहना

आँसू की तरह दीदा-ए-पुर-आब में रहना

हर गाम मुझे ख़ाना-ए-सैलाब में रहना

वो अबरू-ए-ख़मदार नज़र आए तो समझे

आँखों की तरह साया-ए-मेहराब में रहना

ग़फ़लत ही में कटते हैं शब-ओ-रोज़ हमारे

हर आन किसी ध्यान किसी ख़्वाब में रहना

दिन भर किसी दीवार के साए में तग-ओ-ताज़

शब जुस्तुजू-ए-चादर-ए-महताब में रहना

वीराना-ए-दुनिया में गुज़रते हैं मिरे दिन

रातों को रवाक़-ए-दिल-ए-बेताब में रहना

मिट्टी तो हर इक हाल में मिट्टी ही रहेगी

क्या टाट में क्या क़ाक़ुम ओ संजाब में रहना

घर और बयाबाँ में कोई फ़र्क़ नहीं है

लाज़िम है मगर इश्क़ के आदाब में रहना

इक पल को भी आँखें न लगीं ख़ाना-ए-दिल में

हर लम्हा निगहबानी-ए-असबाब में रहना

(1122) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aansu Ki Tarah Dida-e-pur-ab Mein Rahna In Hindi By Famous Poet Ahmad Javed. Aansu Ki Tarah Dida-e-pur-ab Mein Rahna is written by Ahmad Javed. Complete Poem Aansu Ki Tarah Dida-e-pur-ab Mein Rahna in Hindi by Ahmad Javed. Download free Aansu Ki Tarah Dida-e-pur-ab Mein Rahna Poem for Youth in PDF. Aansu Ki Tarah Dida-e-pur-ab Mein Rahna is a Poem on Inspiration for young students. Share Aansu Ki Tarah Dida-e-pur-ab Mein Rahna with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.