अहमद जावेद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अहमद जावेद
नाम | अहमद जावेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Javed |
जन्म की तारीख | 1948 |
कितने में बनती है मोहर ऐसी
ये क्या चीज़ तामीर करने चले हो
ये एक लम्हे की दूरी बहुत है मेरे लिए
यही दिल जो इक बूँद है बहर-ए-ग़म की
उस की आँखों के वस्फ़ क्या लिक्खूँ
तुलू-ए-साअत-ए-शब-ख़ूँ है और मेरा दिल
तिरी दुनिया में ऐ दिल हम भी इक गोशे में रहते हैं
सुख की ख़ातिर दुख मत बेच
मशग़ूल हैं सफ़ाई-ओ-तौसी-ए-दिल में हम
ख़बर नहीं है मिरे बादशाह को शायद
हमेशा दिल हवस-ए-इंतिक़ाम पर रक्खा
घर और बयाबाँ में कोई फ़र्क़ नहीं है
एक आँसू से कमी आ जाएगी
दुनिया मिरे पड़ोस में आबाद है मगर
दिल-ए-बेताब के हमराह सफ़र में रहना
दिल से बाहर आज तक हम ने क़दम रक्खा नहीं
अजब सफ़र था अजब-तर मुसाफ़िरत मेरी
हुस्न नजात-दहिन्दा है
एक तअस्सुर
एक सूरमा के नाम
एक खेल
एक ख़याल
बे-ज़ारी की आख़िरी साअत
अन-पढ़ गूँगे का रजज़
आँखों की तज्दीदा
आँधी का रजज़
उस के लहजे का वो उतार चढ़ाओ
सबा देख इक दिन इधर आन कर के
निहाल-ए-वस्ल नहीं संग-बार करने को
मुझ से बड़ा है मेरा हाल