Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_8023c262de66ea8fdae64017e12a340d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ऐसा भी नहीं कि - अहमद हमेश कविता - Darsaal

ऐसा भी नहीं कि

ऐसा भी नहीं कि मुझे ज़िंदगी के पेड़ के पास

बे-आस और बे-सहारा छोड़ दिया गया हो

मैं ने अभी अभी गिलहरियों की आवाज़ सुनी है

गिलहरियाँ मेरे लिए

बहिश्त के अख़रोट ला रही हैं

सिवाए इस के कि आदम-ज़ाद कहीं दिखाई नहीं देता

मगर जंगल बोल रहा है कि इस के बोल में

मेरी बिछड़ी हुई आवाज़ शामिल है

मेरे बाल-बच्चों का प्यार शामिल है

सिवाए इस के कि जिन लोगों ने मुझे बे-नाम

जज़ीरों में ले जाने का वा'दा किया था

वो अब कहीं दिखाई नहीं दिए

तो अब मैं किस से कहूँ

कि कहने सुनने वाला ज़िंदगी का निज़ाम तो बाक़ी नहीं रहा

अवाए उस के कि मिट्टी कह रही है

कि वो अन-गिनत पेड़ पौदे तब उगाएगी

जब मैं यहाँ हूँगा ही नहीं

(798) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aisa Bhi Nahin Ki In Hindi By Famous Poet Ahmad Hamesh. Aisa Bhi Nahin Ki is written by Ahmad Hamesh. Complete Poem Aisa Bhi Nahin Ki in Hindi by Ahmad Hamesh. Download free Aisa Bhi Nahin Ki Poem for Youth in PDF. Aisa Bhi Nahin Ki is a Poem on Inspiration for young students. Share Aisa Bhi Nahin Ki with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.