तू मयस्सर था तो दिल में थे हज़ारों अरमाँ
तू मयस्सर था तो दिल में थे हज़ारों अरमाँ
तू नहीं है तो हर इक सम्त अजब रंग-ए-मलाल
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तू मयस्सर था तो दिल में थे हज़ारों अरमाँ
तू नहीं है तो हर इक सम्त अजब रंग-ए-मलाल
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