Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4834d47542ea969463bd7e65becaf868, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अज़ल अबद से बहुत दूर झूमते थे हम - अहमद हमदानी कविता - Darsaal

अज़ल अबद से बहुत दूर झूमते थे हम

अज़ल अबद से बहुत दूर झूमते थे हम

किसी के ध्यान में कुछ दिन को जा बसे थे हम

वो ग़म हो या हो ख़ुशी कैफ़ कम न होता था

अजीब राह से हो कर गुज़र रहे थे हम

बहुत अज़ीज़ थे हम को हमारे दोस्त मगर

इक अजनबी के लिए सब से छुट गए थे हम

करम से आप के सरशार था ये दिल लेकिन

ख़ुशी की आँच में क्या क्या पिघल रहे थे हम

तुम्हें तो याद कहाँ होंगे अब मगर वो दिन

न देख कर तुम्हें हर लम्हा देखते थे हम

वो एक कैफ़ का आलम वो आरज़ू-मंदी

न जाने कौन सी दुनिया में जी रहे थे हम

(791) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Azal Abad Se Bahut Dur Jhumte The Hum In Hindi By Famous Poet Ahmad Hamdani. Azal Abad Se Bahut Dur Jhumte The Hum is written by Ahmad Hamdani. Complete Poem Azal Abad Se Bahut Dur Jhumte The Hum in Hindi by Ahmad Hamdani. Download free Azal Abad Se Bahut Dur Jhumte The Hum Poem for Youth in PDF. Azal Abad Se Bahut Dur Jhumte The Hum is a Poem on Inspiration for young students. Share Azal Abad Se Bahut Dur Jhumte The Hum with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.