Baarish Poetry of Ahmad Faraz
नाम | अहमद फ़राज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Faraz |
जन्म की तारीख | 1931 |
मौत की तिथि | 2008 |
ख़्वाबों के ब्योपारी
ऐ मेरे सारे लोगो
तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि ऐ अजनबी दोस्त
सामने उस के कभी उस की सताइश नहीं की
रात के पिछले पहर रोने के आदी रोए
मुंतज़िर कब से तहय्युर है तिरी तक़रीर का
कल हम ने बज़्म-ए-यार में क्या क्या शराब पी
जिस्म शो'ला है जभी जामा-ए-सादा पहना
जिस सम्त भी देखूँ नज़र आता है कि तुम हो
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते