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सवाल - अहमद फ़राज़ कविता - Darsaal

सवाल

इक संग तराश जिस ने बरसों

हीरों की तरह सनम तराशे

आज अपने सनम-कदे में तन्हा

मजबूर निढाल ज़ख़्म-ख़ुर्दा

दिन रात पड़ा कराहता है

चेहरे पे उजाड़ ज़िंदगी के

लम्हात की अन-गिनत ख़राशें

आँखों के शिकस्ता मरक़दों में

रूठी हुई हसरतों की लाशें

साँसों की थकन बदन की ठंडक

एहसास से कब तलक लहू ले

हाथों में कहाँ सकत कि बढ़ कर

ख़ुद-साख़्ता पैकराँ को छू ले

ये ज़ख़्म-ए-तलब ये ना-मुरादी

हर बुत के लबों पे है तबस्सुम

ऐ तेशा-ब-दस्त देवताओ!

तख़्लीक़ अज़ीम है कि ख़ालिक़

इंसान जवाब चाहता है

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Sawal In Hindi By Famous Poet Ahmad Faraz. Sawal is written by Ahmad Faraz. Complete Poem Sawal in Hindi by Ahmad Faraz. Download free Sawal Poem for Youth in PDF. Sawal is a Poem on Inspiration for young students. Share Sawal with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.