Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2a60b4869fa887554e6e4348c1f1cf50, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
शगुफ़्त-ए-गुल की सदा में रंग-ए-चमन में आओ - अहमद फ़राज़ कविता - Darsaal

शगुफ़्त-ए-गुल की सदा में रंग-ए-चमन में आओ

शगुफ़्त-ए-गुल की सदा में रंग-ए-चमन में आओ

कोई भी रुत हो बहार के पैरहन में आओ

कोई सफ़र हो तुम्हीं को मंज़िल समझ के जाऊँ

कोई मसाफ़त हो तुम मिरी ही लगन में आओ

कभी तो ऐसा भी हो कि लोगों की बात सुन कर

मिरी तरफ़ तुम रक़ाबतों की जलन में आओ

वो जिस ग़ुरूर और नाज़ से तुम चले गए थे

कभी उसी तमकनत उसी बाँकपन में आओ

ये क्यूँ हमेशा मिरी तलब ही तुम्हें सदा दे

कभी तो ख़ुद भी सुपुर्दगी की थकन में आओ

हज़ार मुफ़्लिस सही मगर हम सख़ी बला के

कभी तो तुम अहल-ए-दर्द की अंजुमन में आओ

हम अहल-ए-दिल हैं हमारी अक़्लीम हर्फ़ की है

कभी तो जान-ए-सुख़न दयार-ए-सुख़न में आओ

कभी कभी दूरियों से कोई पुकारता है

'फ़राज़' जानी 'फ़राज़' प्यारे वतन में आओ

(2500) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Shaguft-e-gul Ki Sada Mein Rang-e-chaman Mein Aao In Hindi By Famous Poet Ahmad Faraz. Shaguft-e-gul Ki Sada Mein Rang-e-chaman Mein Aao is written by Ahmad Faraz. Complete Poem Shaguft-e-gul Ki Sada Mein Rang-e-chaman Mein Aao in Hindi by Ahmad Faraz. Download free Shaguft-e-gul Ki Sada Mein Rang-e-chaman Mein Aao Poem for Youth in PDF. Shaguft-e-gul Ki Sada Mein Rang-e-chaman Mein Aao is a Poem on Inspiration for young students. Share Shaguft-e-gul Ki Sada Mein Rang-e-chaman Mein Aao with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.