सारा शहर बिलकता है
सारा शहर बिलकता है
फिर भी कैसा सकता है
गलियों में बारूद की बू
या फिर ख़ून महकता है
सब के बाज़ू यख़-बस्ता
सब का जिस्म दहकता है
एक सफ़र वो है जिस में
पाँव नहीं दिल थकता है
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सारा शहर बिलकता है
फिर भी कैसा सकता है
गलियों में बारूद की बू
या फिर ख़ून महकता है
सब के बाज़ू यख़-बस्ता
सब का जिस्म दहकता है
एक सफ़र वो है जिस में
पाँव नहीं दिल थकता है
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