Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f863d28b3ff1ea82517f5e277094f0d3, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
न तेरा क़ुर्ब न बादा है क्या किया जाए - अहमद फ़राज़ कविता - Darsaal

न तेरा क़ुर्ब न बादा है क्या किया जाए

न तेरा क़ुर्ब न बादा है क्या किया जाए

फिर आज दुख भी ज़ियादा है क्या किया जाए

हमें भी अर्ज़-ए-तमन्ना का ढब नहीं आता

मिज़ाज-ए-यार भी सादा है क्या किया जाए

कुछ अपने दोस्त भी तरकश-ब-दोश फिरते हैं

कुछ अपना दिल भी कुशादा है क्या किया जाए

वो मेहरबाँ है मगर दिल की हिर्स भी कम हो

तलब करम से ज़ियादा है क्या किया जाए

न उस से तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ की बात कर पाएँ

न हमदमी का इरादा है क्या किया जाए

सुलूक-ए-यार से दिल डूबने लगा है 'फ़राज़'

मगर ये महफ़िल-ए-आदा है क्या किया जाए

(3000) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Na Tera Qurb Na Baada Hai Kya Kiya Jae In Hindi By Famous Poet Ahmad Faraz. Na Tera Qurb Na Baada Hai Kya Kiya Jae is written by Ahmad Faraz. Complete Poem Na Tera Qurb Na Baada Hai Kya Kiya Jae in Hindi by Ahmad Faraz. Download free Na Tera Qurb Na Baada Hai Kya Kiya Jae Poem for Youth in PDF. Na Tera Qurb Na Baada Hai Kya Kiya Jae is a Poem on Inspiration for young students. Share Na Tera Qurb Na Baada Hai Kya Kiya Jae with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.