Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a673209b8fa05fac6a571d81ac722cf8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बैठे थे लोग पहलू-ब-पहलू पिए हुए - अहमद फ़राज़ कविता - Darsaal

बैठे थे लोग पहलू-ब-पहलू पिए हुए

बैठे थे लोग पहलू-ब-पहलू पिए हुए

इक हम थे तेरी बज़्म में आँसू पिए हुए

देखा जिसे भी उस की मोहब्बत में मस्त था

जैसे तमाम शहर हो दारू पिए हुए

तकरार बे-सबब तो न थी रिंद ओ शैख़ में

करते भी क्या शराब थे हर दो पिए हुए

फिर क्या अजब कि लोग बना लें कहानियाँ

कुछ मैं नशे में चूर था कुछ तू पिए हुए

यूँ उन लबों के मस से मोअत्तर हूँ जिस तरह

वो नौ-बहार-ए-नाज़ था ख़ुशबू पिए हुए

यूँ हो अगर 'फ़राज़' तो तस्वीर क्या बने

इक शाम उस के साथ लब-ए-जू पिए हुए

(1904) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

BaiThe The Log Pahlu-ba-pahlu Piye Hue In Hindi By Famous Poet Ahmad Faraz. BaiThe The Log Pahlu-ba-pahlu Piye Hue is written by Ahmad Faraz. Complete Poem BaiThe The Log Pahlu-ba-pahlu Piye Hue in Hindi by Ahmad Faraz. Download free BaiThe The Log Pahlu-ba-pahlu Piye Hue Poem for Youth in PDF. BaiThe The Log Pahlu-ba-pahlu Piye Hue is a Poem on Inspiration for young students. Share BaiThe The Log Pahlu-ba-pahlu Piye Hue with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.