सीने में दिल जो दर्द का मारा नहीं मिला
सीने में दिल जो दर्द का मारा नहीं मिला
फिर आइने में अक्स हमारा नहीं मिला
मेले में आ गए थे कि शायद कोई मिले
इस भीड़ में भी कोई हमारा नहीं मिला
हर-चंद इक हुजूम था आँखों का हर तरफ़
लेकिन किसी नज़र का सहारा नहीं मिला
कश्ती तो डूबने के लिए बे-क़रार थी
कश्ती को डूबने का इशारा नहीं मिला
(1967) Peoples Rate This