Hope Poetry of Ahmad Azeem

Hope Poetry of Ahmad Azeem
नामअहमद अज़ीम
अंग्रेज़ी नामAhmad Azeem

बाज़ार-ए-आरज़ू में कटी जा रही है उम्र

क़र्या-ए-इंतिज़ार में उम्र गँवा के आए हैं

इसी लिए तो हार का हुआ नहीं मलाल तक

इश्क़ में हो के मुब्तिला दिल ने कमाल कर दिया

फ़ित्ना उठा तो रज़्म-गह-ए-ख़ाक से उठा

ऐसी भी कहाँ बे-सर-ओ-सामानी हुई है

ऐसा इलाज-ए-हब्स-ए-दिल-ए-ज़ार चाहिए

अब सोचिए तो दाम-ए-तमन्ना में आ गए

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