धुँद में खो के रह गईं सूरतें मेहर-ओ-माह सी
धुँद में खो के रह गईं सूरतें मेहर-ओ-माह सी
वक़्त की गर्द ने उन्हें ख़्वाब-ओ-ख़याल कर दिया
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धुँद में खो के रह गईं सूरतें मेहर-ओ-माह सी
वक़्त की गर्द ने उन्हें ख़्वाब-ओ-ख़याल कर दिया
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