Khawab Poetry of Ahmad Azeem
नाम | अहमद अज़ीम |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Azeem |
धुँद में खो के रह गईं सूरतें मेहर-ओ-माह सी
मैं तो सोया भी न था क्यूँ ये दर-ए-ख़्वाब गिरा
इश्क़ में हो के मुब्तिला दिल ने कमाल कर दिया
ऐसी भी कहाँ बे-सर-ओ-सामानी हुई है
ऐसा इलाज-ए-हब्स-ए-दिल-ए-ज़ार चाहिए