Love Poetry of Ahmad Ata
नाम | अहमद अता |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Ata |
ज़िंदगी ख़्वाब है और ख़्वाब भी ऐसा कि मियाँ
मैं तो मिट्टी हो रहा था इश्क़ में लेकिन 'अता'
हम आस्तान-ए-ख़ुदा-ए-सुख़न पे बैठे थे
हँसते हँसते हो गया बर्बाद मैं
बाग़-ए-हवस में कुछ नहीं दिल है तो ख़ुशनुमा है दिल
अब यहाँ कौन निकालेगा भला दूध की नहर
आज देखा है उसे ऐसी मोहब्बत से 'अता'
ये मिरा वहम तो कुछ और सुना जाता है
ये अक्स आप ही बनते हैं हम से मिलते हैं
वो ज़माना है कि अब कुछ नहीं दीवाने में
सफ़्हा-ए-ज़ीस्त जब पढूँगा तुम्हें
मिरे लिए तिरा होना अहम ज़ियादा है
मैं तिरी मानता लेकिन जो मिरा दिल है ना
मैं न होने से हुआ या'नी बड़ी तक़्सीर की
इश्क़ से भाग के जाया भी नहीं जा सकता
हमारा इश्क़ सलामत है यानी हम अभी हैं
इक रात मैं सो नहीं सका था
इक अश्क बहा होगा
दोनों के जो दरमियाँ ख़ला है
बेबसी ऐसी भी होती है भला
ऐ मियाँ कौन ये कहता है मोहब्बत की है