मैं तिरी मानता लेकिन जो मिरा दिल है ना

मैं तिरी मानता लेकिन जो मिरा दिल है ना

दर का पत्थर है हटाना इसे मुश्किल है ना

ये तिरा हुस्न कुछ ऐसा नहीं पूजें जिस को

लेकिन ऐ यार तिरे गाल का जो तिल है ना

जो मिरे वास्ते दिन रात दुआ करते हैं

दुश्मन-ए-जाँ ये बता उन में तू शामिल है ना

माँगना आता नहीं और ख़ुदा कहता है

ऐ फ़रिश्तो इसे देखो ये जो साइल है ना

ज़िंदगी इश्क़ में गुज़रे तो क़सीदा लिक्खूँ

कि वही एक क़सीदा तिरे क़ाबिल है ना

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