Ghazals of Ahmad Ashfaq
नाम | अहमद अशफ़ाक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Ashfaq |
जन्म की तारीख | 1969 |
जन्म स्थान | Samastipur,Bihar |
ज़मीं वालों की बस्ती में सुकूनत चाहती है
वो मिरी जुराअत-ए-कमयाब से ना-वाक़िफ़ हैं
तुम जो आ जाओ ग़म धुआँ हो जाए
सब जल गया जलते हुए ख़्वाबों के असर से
जितनी हम चाहते थे उतनी मोहब्बत नहीं दी
हम तिरे इश्क़ में कुछ ऐसे ठिकाने लग जाएँ
गए दिनों की रक़ाबत को वो भुला न सके
दे के वो सारे इख़्तियार मुझे
अना मुँह आँसुओं से धो रही है
अब किसी ख़्वाब की ताबीर नहीं चाहता मैं