Sad Poetry of Ahmad Ali Barqi Azmi
नाम | अहमद अली बर्क़ी आज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Ali Barqi Azmi |
जन्म की तारीख | 1954 |
जन्म स्थान | New Delhi |
था जो मेरे ज़ौक़ का सामान आधा रह गया
ये जहान-ए-आब-ओ-गिल लगता है इक माया मुझे
गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ
इस हाल में कब तक यूँही घुट घुट के जियूँगा
अब मैं हूँ और ख़्वाब-ए-परेशाँ है मेरे साथ
तख़्ता-ए-मश्क़-ए-सितम मुझ को बनाने वाला
सुकून-ए-क़ल्ब किसी को नहीं मयस्सर आज
नज़र बचा के वो हम से गुज़र गए चुप-चाप
मैं सोज़-ए-दरूँ अपना दिखा भी नहीं सकता
कौन है किस का ये पैग़ाम है क्या अर्ज़ करूँ
कर के असीर-ए-ग़म्ज़ा-ओ-नाज़-ओ-अदा मुझे
इब्न-ए-आदम बरसर पैकार है
हिंसा के पहले मुझे फिर रुला गया इक शख़्स
एहसास का वसीला-ए-इज़हार है ग़ज़ल
आवाज़ का उस की ज़ेर-ओ-बम कुछ याद रहा कुछ भूल गए