गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ
गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ
जा रही है बहार आ जाओ
है अगर मुझ से प्यार आ जाओ
है फ़ज़ा साज़-गार आ जाओ
दीदा-ओ-दिल हैं फ़र्श-ए-राह मिरे
हमा-तन इंतिज़ार आ जाओ
छूट जाए कहीं न दामन-ए-सब्र
न करो बे-क़रार आ जाओ
आ के चाहो तो फिर चले जाना
ब-ख़ुदा एक बार आ जाओ
जैसे पहले मिला था मैं तुम से
तुम भी दीवाना-वार आ जाओ
तुम सताओगे कितना बर्क़ी को
हो अगर ग़म-गुसार आ जाओ
(1621) Peoples Rate This