अहमद अली बर्क़ी आज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अहमद अली बर्क़ी आज़मी
नाम | अहमद अली बर्क़ी आज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Ali Barqi Azmi |
जन्म की तारीख | 1954 |
जन्म स्थान | New Delhi |
था जो मेरे ज़ौक़ का सामान आधा रह गया
रो पड़ा ना-गहाँ मुस्कुराने के बा'द
ये जहान-ए-आब-ओ-गिल लगता है इक माया मुझे
गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ
न आए काम किसी के जो ज़िंदगी क्या है
उर्दू की शोहरा-ए-आफ़ाक़ वेब-साइट रेख़्ता की इल्मी-ओ-अदबी ख़िदमात पर मंज़ूम तअस्सुरात
ज़िंदगी उस ने बदल कर मिरी रख दी ऐसी
समझ रहा था जिसे ख़ैर-ख़्वाह मैं अपना
रूठने और मनाने के एहसास में है इक कैफ़-ओ-सुरूर
इस हाल में कब तक यूँही घुट घुट के जियूँगा
चप्पा चप्पा उस की गली का रहा है मेरे ज़ेर-ए-क़दम
अब मैं हूँ और ख़्वाब-ए-परेशाँ है मेरे साथ
वो हस्ब-ए-वादा न आया तो आँख भर आई
उस ने किया है वादा-ए-फ़र्दा आने दो उस को आए तो
तख़्ता-ए-मश्क़-ए-सितम मुझ को बनाने वाला
सुकून-ए-क़ल्ब किसी को नहीं मयस्सर आज
नज़र बचा के वो हम से गुज़र गए चुप-चाप
मैं सोज़-ए-दरूँ अपना दिखा भी नहीं सकता
कौन है किस का ये पैग़ाम है क्या अर्ज़ करूँ
कर के असीर-ए-ग़म्ज़ा-ओ-नाज़-ओ-अदा मुझे
जब से में ने देखा है एक ख़ुशनुमा चेहरा
इस के घर से मेरे घर तक एक कहानी बीच में है
इब्न-ए-आदम बरसर पैकार है
हिंसा के पहले मुझे फिर रुला गया इक शख़्स
एहसास का वसीला-ए-इज़हार है ग़ज़ल
अम्न-ओ-सुल्ह-ओ-आश्ती हो जैसे बीमारी का नाम
आवाज़ का उस की ज़ेर-ओ-बम कुछ याद रहा कुछ भूल गए