जान देते ही बनी इश्क़ के दीवाने से

जान देते ही बनी इश्क़ के दीवाने से

शम्अ का हाल न देखा गया परवाने से

आतिश-ए-इश्क़ से जल जल गए परवाने से

पहले ये आग लगी काबा ओ बुत-ख़ाने से

साक़िया गिर्या-ए-ग़म से मुझे मजबूर समझ

ख़ून रिसता है ये टूटे हुए पैमाने से

रात की रात चमन में है नुमूद-ए-शबनम

सुब्ह होते ही बिखर जाएँगे सब दाने से

दम-ए-आख़िर तिरी आँखों की बलाएँ ले लूँ

और दम भर जो न छलके मिरे पैमाने से

हाए क्या चीज़ थीं वो मस्त निगाहें 'शाइर'

झूमता-झामता निकला हूँ परी-ख़ाने से

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Jaan Dete Hi Bani Ishq Ke Diwane Se In Hindi By Famous Poet Agha Shayar Qazalbash. Jaan Dete Hi Bani Ishq Ke Diwane Se is written by Agha Shayar Qazalbash. Complete Poem Jaan Dete Hi Bani Ishq Ke Diwane Se in Hindi by Agha Shayar Qazalbash. Download free Jaan Dete Hi Bani Ishq Ke Diwane Se Poem for Youth in PDF. Jaan Dete Hi Bani Ishq Ke Diwane Se is a Poem on Inspiration for young students. Share Jaan Dete Hi Bani Ishq Ke Diwane Se with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.