इश्क़-बाज़ों की कहीं दुनिया में शुनवाई नहीं
इश्क़-बाज़ों की कहीं दुनिया में शुनवाई नहीं
इन ग़रीबों की क़यामत में समाअत हो तो हो
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इश्क़-बाज़ों की कहीं दुनिया में शुनवाई नहीं
इन ग़रीबों की क़यामत में समाअत हो तो हो
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