Bewafa Poetry of Agha Hajju Sharaf
नाम | आग़ा हज्जू शरफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Agha Hajju Sharaf |
तेज़ कब तक होगी कब तक बाढ़ रक्खी जाएगी
बे-वफ़ा तुम बा-वफ़ा मैं देखिए होता है क्या
सलफ़ से लोग उन पे मर रहे हैं हमेशा जानें लिया करेंगे
रुलवा के मुझ को यार गुनहगार कर नहीं
रंग जिन के मिट गए हैं उन में यार आने को है
जवानी आई मुराद पर जब उमंग जाती रही बशर की
जश्न था ऐश-ओ-तरब की इंतिहा थी मैं न था
हुए ऐसे ब-दिल तिरे शेफ़्ता हम दिल-ओ-जाँ को हमेशा निसार किया
हुआ है तौर-ए-बर्बादी जो बे-दस्तूर पहलू में
हवस गुलज़ार की मिस्ल-ए-अनादिल हम भी रखते थे
घिसते घिसते पाँव में ज़ंजीर आधी रह गई
दिल को अफ़सोस-ए-जवानी है जवानी अब कहाँ