Khawab Poetry of Afzal Naved
नाम | अफ़ज़ाल नवेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Afzal Naved |
जन्म स्थान | Canada |
न रोना रह गया बाक़ी न हँसना रह गया बाक़ी
मकान-ए-ख़्वाब में जंगल की बास रहने लगी
ख़ाली हुआ गिलास नशा सर में आ गया
जंग से जंगल बना जंगल से मैं निकला नहीं
एक उजली उमंग उड़ाई थी
धनक में सर थे तिरी शाल के चुराए हुए
बाग़ क्या क्या शजर दिखाते हैं