Love Poetry of Afzal Khan
नाम | अफ़ज़ल ख़ान |
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अंग्रेज़ी नाम | Afzal Khan |
जन्म की तारीख | 1975 |
ये मोहब्बत के महल ता'मीर करना छोड़ दे
तभी तो मैं मोहब्बत का हवालाती नहीं होता
शिकस्त-ए-ज़िंदगी वैसे भी मौत ही है ना
मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी
इसी लिए हमें एहसास-ए-जुर्म है शायद
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो
वो जो इक शख़्स वहाँ है वो यहाँ कैसे हो
उस लम्हे तिश्ना-लब रेत भी पानी होती है
तो फिर वो इश्क़ ये नक़्द-ओ-नज़र बराए-फ़रोख़्त
तभी तो मैं मोहब्बत का हवालाती नहीं होता
शिकस्त-ए-ज़िंदगी वैसे भी मौत ही है ना
राह भोला हूँ मगर ये मिरी ख़ामी तो नहीं
मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी
जब इक सराब में प्यासों को प्यास उतारती है
हमारे ख़ून के प्यासे पशेमानी से मर जाएँ
आज ही फ़ुर्सत से कल का मसअला छेड़ूँगा मैं
आदमी ख़्वार भी होता है नहीं भी होता