हमारे ख़ून के प्यासे पशेमानी से मर जाएँ

हमारे ख़ून के प्यासे पशेमानी से मर जाएँ

अगर हम एक दिन अपनी ही नादानी से मर जाएँ

अज़िय्यत से जनम लेती सुहुलत रास आती है

कोई ऐसी पड़े मुश्किल कि आसानी से मर जाएँ

अधूरी सी नज़र काफ़ी है उस आईना-दारी पर

अगर हम ग़ौर से देखें तो हैरानी से मर जाएँ

बना रक्खी हैं दीवारों पे तस्वीरें परिंदों की

वगर्ना हम तो अपने घर की वीरानी से मर जाएँ

अगर वहशत का ये आलम रहा तो ऐन-मुमकिन है

सुकूँ से जीते जीते भी परेशानी से मर जाएँ

कहीं ऐसा न हो यारब कि ये तरसे हुए आबिद

तिरी जन्नत में अश्या की फ़रावानी से मर जाएँ

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Hamare KHun Ke Pyase Pashemani Se Mar Jaen In Hindi By Famous Poet Afzal Khan. Hamare KHun Ke Pyase Pashemani Se Mar Jaen is written by Afzal Khan. Complete Poem Hamare KHun Ke Pyase Pashemani Se Mar Jaen in Hindi by Afzal Khan. Download free Hamare KHun Ke Pyase Pashemani Se Mar Jaen Poem for Youth in PDF. Hamare KHun Ke Pyase Pashemani Se Mar Jaen is a Poem on Inspiration for young students. Share Hamare KHun Ke Pyase Pashemani Se Mar Jaen with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.