Heart Broken Poetry of Afzal Khan
नाम | अफ़ज़ल ख़ान |
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अंग्रेज़ी नाम | Afzal Khan |
जन्म की तारीख | 1975 |
शिकस्त-ए-ज़िंदगी वैसे भी मौत ही है ना
सज़ा-ए-मौत पे फ़रियाद से तो बेहतर है
डुबो रहा है मुझे डूबने का ख़ौफ़ अब तक
भाव ताओ में कमी बेशी नहीं हो सकती
अब जो पत्थर है आदमी था कभी
वो जो इक शख़्स वहाँ है वो यहाँ कैसे हो
तो फिर वो इश्क़ ये नक़्द-ओ-नज़र बराए-फ़रोख़्त
शिकस्त-ए-ज़िंदगी वैसे भी मौत ही है ना
मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी
कल अपने शहर की बस में सवार होते हुए
जब इक सराब में प्यासों को प्यास उतारती है
हमारे ख़ून के प्यासे पशेमानी से मर जाएँ