ये जो सूरज है ये सूरज भी कहाँ था पहले

ये जो सूरज है ये सूरज भी कहाँ था पहले

बर्फ़ से उठता हुआ एक धुआँ था पहले

मुझ से आबाद हुई है तिरी दुनिया वर्ना

इस ख़राबे में कोई और कहाँ था पहले

एक ही दाएरे में क़ैद हैं हम लोग यहाँ

अब जहाँ तुम हो कोई और वहाँ था पहले

उस को हम जैसे कई मिल गए मजनूँ वर्ना

इश्क़ लोगों के लिए कार-ए-ज़ियाँ था पहले

ये जो अब रेत नज़र आता है अफ़ज़ल 'गौहर'

इसी दरिया में कभी आब-ए-रवाँ था पहले

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