Ghazals of Afzal Allahabadi
नाम | अफ़ज़ल इलाहाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Afzal Allahabadi |
यूँ इलाज-ए-दिल बीमार किया जाएगा
ये हक़ीक़त है वो कमज़ोर हुआ करती हैं
ये बता दे मुझ को मेरे दिल किसे आवाज़ दूँ
यादों के नशेमन को जलाया तो नहीं है
तुम हमारे हो हम तुम्हारे हैं
तेरे जल्वों को रू-ब-रू कर के
सुलगती रेत पे तहरीर जो कहानी है
मिरी दीवानगी की हद न पूछो तुम कहाँ तक है
लुटा रहा हूँ मैं लाल-ओ-गुहर अँधेरे में
किसी की याद रुलाये तो क्या किया जाए
कर दिया ख़ुद को समुंदर के हवाले हम ने
जो मिरी आरज़ू नहीं करता
हर नग़मा-ए-पुर-दर्द हर इक साज़ से पहले
ग़ज़ल का हुस्न है और गीत का शबाब है वो
ग़मों की धूप में मिलते हैं साएबाँ बन कर
दवा-ए-दर्द-ए-ग़म-ओ-इज़्तिराब क्या देता
बुलंदी से कभी वो आश्नाई कर नहीं सकता
अश्क आँखों में लिए आठों पहर देखेगा कौन
अपनी तन्हाइयों के ग़ार में हूँ
अब तो हर एक अदाकार से डर लगता है