अता उसी की है ये शहद ओ शोर की तौफ़ीक़
वही गलीम में ये नान-ए-बे-जवीं लाया
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Anwar Masood
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Gulzar
Habib Jalib
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(812) Peoples Rate This
मोहब्बत
समुंदर ने तुम से क्या कहा
गिरा तो गिर के सर-ए-ख़ाक-ए-इब्तिज़ाल आया
कमान-ए-शाख़ से गुल किस हदफ़ को जाते हैं
किताब-ए-उम्र से सब हर्फ़ उड़ गए मेरे
जहाँ तुम ये नज़्म ख़त्म करोगी
दुआ की राख पे मरमर का इत्र-दाँ उस का
सितम की तेग़ पे ये दस्त-ए-बे-नियाम रक्खा
किताब-ए-ख़ाक पढ़ी ज़लज़ले की रात उस ने
क्या आग सब से अच्छी ख़रीदार है
तुम नींद में बहुत ख़ूब-सूरत लगती हो