वक़्त उन का दुश्मन है

वो किसी गैलिलियो का इंतिज़ार नहीं कर रहे हैं

एक बड़ी घड़ी तय्यार करने के लिए

जिसे शहर की एक यादगारी दीवार में नसब किया जा सके

इस ख़ला में

हमारी तारीख़ की अक्कासी के अलावा

ख़्वातीन के आलमी दिन पर

झूला डाला जा सकता है

चीनी ताइफ़ा

बाँस से उछल कर उस में से गुज़र सकता है

उस में

एक लाश को मुख़्तसर कर के लटकाया जा सकता है

इसे मोहन जोदड़ो की ईंटों से

चुना जा सकता है

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