तुम ख़ूब-सूरत दाएरों में रहती हो

तुम ख़ूबसूरत दाएरों में रहती हो

तुम्हारे बालों को

एक मुदव्वर पिन

फ़र्ज़-शनासी से थामे हुए है

एक बेश-क़ीमत ज़ंजीर

तुम्हारी गर्दन की इताअत कर रही है

कभी ग़लत न चलने वाली घड़ी

तुम्हारी कलाई से पैवस्त है

एक नाज़ुक बेल्ट

तुम्हारी कमर से हम-आग़ोश है

तुम्हारे पैर

इन जूतों के तस्मों से घिरे हैं

जिन से तुम हमारी ज़मीन पर चलती हो

मैं उन छुपे हुए दाएरों का ज़िक्र नहीं करूँगा

जो तुम्हें थामे हुए हो सकते हैं

उन्हें इतना ही ख़ूबसूरत रहने दो

जितने कि वो हैं

मैं ने तुम पर कभी

ख़यालों में कपड़े उतारने का खेल नहीं खेला

तुम ख़ूबसूरत दाएरों में रहती हो

और मैं मुश्किल लकीरों में

में तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूँ

सिवाए

अपने मुँह में उस गेंद को ले कर तुम्हारे पास आने के

जिसे तुम ने ठोकर लगाई

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