फ़ैसला

रेडियोलोजिस्ट उन एक्सरों को पढ़ रही है

जिन पर मेरी गुज़िश्ता नज़्म की तारीख़ पड़ी है

उन लोगों के ज़ख़्म

इतनी ताख़ीर

इतनी सफ़्फ़ाकी से पढ़े जा रहे हैं

जो अभी तक ज़िंदा रहने का इम्तिहान देने में मसरूफ़ हैं

''आदमी अपनी ग़लती से मरता है''

ये सर्जन-जनरल का फ़ैसला है

''तुम से ग़लती हुई है''

शाम को जब मैं उसे बताऊँगा

मैं उस से बहुत मोहब्बत करता हूँ

तो वो ये कहेगी

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Faisla In Hindi By Famous Poet Afzal Ahmad Syed. Faisla is written by Afzal Ahmad Syed. Complete Poem Faisla in Hindi by Afzal Ahmad Syed. Download free Faisla Poem for Youth in PDF. Faisla is a Poem on Inspiration for young students. Share Faisla with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.