Sad Poetry of Aftab Shamsi
नाम | आफ़ताब शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aftab Shamsi |
मैं जंगलों में दरिंदों के साथ रहता रहा
देख कर उस को लगा जैसे कहीं हो देखा
यादें
वापसी
शिकस्त
रात, मामूल और हम
पहली तारीख़
मुदावा
हिजरत
गुज़रते लम्हों का मातम
तलाश-ए-क़ाफ़िया में उम्र सब गुज़ारी है
सभी बिछड़ गए मुझ से गुज़रते पल की तरह
कोई अच्छी सी ग़ज़ल कानों में मेरे घोल दे
देर तक रात अँधेरे में जो मैं ने देखा
असीर-ए-जिस्म हूँ दरवाज़ा तोड़ डाले कोई