Heart Broken Poetry of Aftab Shamsi
नाम | आफ़ताब शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aftab Shamsi |
मैं जंगलों में दरिंदों के साथ रहता रहा
जो दिल में है वही बाहर दिखाई देता है
देख कर उस को लगा जैसे कहीं हो देखा
यादें
वापसी
तज़ाद
शिकस्त
रात, मामूल और हम
नर्स
मुदावा
मेला
हिजरत
गुज़रते लम्हों का मातम
आख़िरी सफ़र
टूटा हुआ आईना जो रस्ते में पड़ा था
तलाश-ए-क़ाफ़िया में उम्र सब गुज़ारी है
सभी बिछड़ गए मुझ से गुज़रते पल की तरह
कोई अच्छी सी ग़ज़ल कानों में मेरे घोल दे
जू-ए-रवाँ हूँ ठहरा समुंदर नहीं हूँ मैं
जो दिल में है वही बाहर दिखाई देता है
देर तक रात अँधेरे में जो मैं ने देखा
असीर-ए-जिस्म हूँ दरवाज़ा तोड़ डाले कोई